गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

SocialTrade.biz ने किया 37 अरब रुपये का घोटाला 2 feb 2017 social trade scam


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डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर सोशल ट्रेड के नाम से चलाई जा रही कंपनी का घोटाले का एसटीएफ ने खुलासा किया है। अब तक की जांच में यह घोटाला 37 अरब से ज्यादा का है। देशभर के करीब 6 लाख लोग इस घोटाले की चपेट में फंस गए हैं। एसटीएफ ने नोएडा
स्थित सेक्टर-63 के एफ ब्लॉक में कंपनी के ऑफिस पर छापा मारकर कंपनी मालिक समेत तीन टॉप अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है। इस संबंध में सोमवार को ग्रेटर नोएडा की सूरजपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। एक एफआईआर बुधवार शाम नोएडा के फेज थ्री पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई है। एसटीएफ गुरुवार को इसका आधिकारिक खुलासा करेगी। 
Link - http://navbharattimes.indiatimes.com/...

name="news_keywords" content="सोशल ट्रेड के नाम पर 6 लाख लोगों से 37 अरब से ज्यादा का घोटाला"

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

राष्ट्रवाद

किसी भी राष्ट्र के अभिशासन का सबसे प्रमुख मुद्दा उसकी प्रभुसत्ता की सुरक्षा करना व उसे संपोषित करना हे। देश में किसी भी प्रकार की उन्नति या विकास तब तक संभव नहीं  जब तक देश की भौगोलिक सीमाएं बाहरी आक्रमण से सुरक्षित न हो। यह भी आवश्यक हे कि समाज की शांति और समरसता आंतरिक झगडों से भंग र हों । भारत एक बहुभाषीय ; बहुजातीय तथा बहुधार्मिक संघीय व्यवस्था है । इस प्रकार यह विभिन्न संस्कृतियों व जीवन शैलियों का संगम है।ऐसे समाज की सुरक्षा व समुन्नति के लिए यह आवश्यक है इसके सदस्य सामूहिक चेतना की डोर में बंधे रहें;अर्थात एक संगठित राष्ट्र के प्रति समर्पित हों । राष्ट्र की यह भावना ही विभिन्न संस्कृतियो  को परस्पर जोड़ती है ।
         इस दिशा में भारत विश्व के सामने एक ऐसे समाज का उदाहरण प्रस्तुत करता है जहां की व्यवस्था को हमारे कुछ सामूहिक उद्देश्य एकजुट बनाये रखते हैं तथा बृहद समाज के कल्याण हेतु आपसी संगठित समाज सहयोग की भावना उसे सम्पोसित  करती है । भारत ने विश्व को दर्शाया है कि राष्ट्रीय तथा लोकतांत्रिक सिद्धांतों की सहायता से विभिन्न भाषा-भाषी ;विभिन्न धर्मावलंबी ;विभिन्न जातियों व विभिन्न जीवन शैलियों में विश्वास रखने वाले लोग भी परस्पर मिल जुल कर रह सकते हैं और अपने को एक जुट बनाये रह सकते हैं । परंतु आज कल बिघटन की प्रवृत्ति से देश परेशान है । राष्ट्रीय सन्दर्भ में यह विघटन एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है ;क्योकि यह उन सम्बंधो के बिखराव का सूचक है जोकि एक सन्सक्त समूह के घटकों के लिये अतिआवश्यक है । बिघटन एक धीमी प्रक्रिया है और इनके अनेक लक्षण हैं । ये लक्षण वर्तमान भारत में स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं ।जो निम्न हैं ----
1-राष्ट्रीय चेतना की कमी : राष्ट्रवाद की भावना केवल "विशिष्ट शिक्षित वर्ग ' तक ही सीमित है ।साधारण व्यक्ति राष्ट्रवाद के समग् महत्व से परिचित नहीं है ।वह तो अपनी रोटी-रोजी के झंझट में ही उलझा रहता हे।.
2-बढती हुई क्षेत्रीय संकीर्नता तथा भाषा संबंधी प्रान्तियता : एक विशेष प्रान्त में रहने वाले लोग एक विशेष भाषा का प्रयोग करते हैं ।उनकी जीवन शैली संबंधी मानक और रीति रिवाज या धार्मिक कर्मकांड भी विशेष प्रकार के होते हैं । इस कारण उनके ऐसे छोटे -छोटे समूह या समुदाय बन जाते हैं जो आपस में तो पूर्ण संगठित होते हैं परंतु देश के अन्य भारतियों से अलग अलग हो जाते हैं ।
3-जातिवाद तथा सांप्रदायिकता :राष्ट्रवाद के विकास में संभवतः  ये सबसे बडी बाधायें हैं ।. यद्यपि जात-पात ;नस्ल पन्थ व धर्म सामाजिक एकरसता के साधन हैं परंतु कभी -कभी रूढिवादी समूहों के विकास को प्रोत्साहित करते  हैं ;परस्पर विचारधाराओं तथा जीवन शैली के विरोधीहोते हैं।
4-उचित नेतृत्व का अभाव: आधुनिक भारत इस व्याधि से ग्रस्त हो रहा है । अनियंत्रित राजनीतिक भ्रष्टाचार के कारण प्रगतिशील सामाजिक परिवर्तन की ओर से विमुखता बढती है और विकास योजनाएं असफल हो जाती है।

रविवार, 11 दिसंबर 2016

भारत की स्थल सीमा पर पडोसी देशो को रटने की आसन ट्रिक !

इस आसन तरीके से हम बहुत ही आसानी से अपने सीमा स्थल पर पडोसी देशो को हरदम याद रख सकते है इसके लिये.




यह वाक्य याद कर ले -  “बचपन में MBA किया"



इसका यह अर्थ होगा

ब --- बगलादेश--- ( 4096 KM)

च—चीन---- (3917 KM)

प—पाकिस्तन—(3310 KM)

न--- नेपाल ---- (1752 KM)

में --- ( SILENT)( इसका कोई अर्थ नहीं है )

M – म्यामार--- (1458 KM)

B--- भूटान --- (587 KM)

A --- अफगानिस्तान – (80 KM)

किया ( साइलेंट )( इसका कोई अर्थ नहीं है )

आज तो घर छोंड ही दूंगा ! - युवा जरुर पढ़े यह कहानी

ध्यान से पढ़ा तो आँखों में पानी आ जाएगा.

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..

इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ...


जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ...

मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ....
पता तो चले कितना माल छुपाया है .....
माँ से भी ...

इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..

जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ....
मैंने जूता निकाल कर देखा .....
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ...
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..

और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ...(यह आप mysir.in पर पढ़ रहे है )

जैसे ही कुछ दूर चला ....
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ....
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था .....

जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी .....

मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ....

मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?

दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ......
ओह....अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ...........!!!!

माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो ...
और वे हर बार कहते "अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे .."
मैं अब समझा कितने चलेंगे

......तीसरी पर्ची ..........
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये ...
पढ़ते ही दिमाग घूम गया.....
पापा का स्कूटर .............
ओह्ह्ह्ह


मैं घर की और भागा........
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ....

मैं घर पहुंचा .....
न पापा थे न स्कूटर ..............
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ....

मैं दौड़ा .....
और
एजेंसी पर पहुंचा......
पापा वहीँ थे ...............

मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..(यह आप mysir.in पर पढ़ रहे है )

.....नहीं...पापा नहीं........ मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल...

बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..

वो भी आपके तरीके से ...।।
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शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

दुनिया के 7 नये, पुराने आश्चर्य (अजूबे) और इनके बारे में पूर्ण जानकारी ! ( part-1 )

दोस्तों हम में से बहुत लोगो 7 अजूबो के नाम तो जानते है , पर उनके बारे में नहीं जानते . तो आइये आज मिलकर हम इस मनोरंजक अध्याय मिल कर पढ़े और अपने सामान्य ज्ञान को बढाये !
दुनिया के अजूबे (आश्चर्य) किसे कहते है ?
विश्व के ७ चमत्कार का विचार हेरोडोटस (४८४ बी सी - ४२५ बी सी) और कालिमाचुस Callimachus (३०५ बी सी -२४० बी सी) को आया जिसने सूची बनाई गई , दुनिया के अजूबे ऐसे अद्भुत प्राकृतिक और मानव निर्मित
संरचनाओं का संकलन है, जो मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं। प्राचीन काल से वर्त्तमान काल तक दुनिया के अजूबों की ऐसी कई विभिन्न सूचियाँ तैयार की गयी हैं.


प्राचीन दुनिया के सात पुराने अजूबे :-(बायें से दायें, ऊपर से नीचे)


दुनिया के सात नये अजूबे :- 
विश्व के सात नए आश्चर्यएक परियोजना है जिसमे आश्चर्यो को पुनर्जीवित करने के लिए प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यों (Seven Wonders of the Ancient World) के साथ आधुनिक आश्चर्यों की अवधारणा को शामिल किया गया है निजी नई ७ आश्चर्य फाउंडेशन द्वारा ७ जुलाई (July 7), 2007 को लिस्बन, पुर्तगाल में विजेताओं की घोषणा की गई. स्विस आधारित नए ७ चमत्कार फाउंडेशन का दावा है कि टेलीफोन या इन्टरनेट द्वारा १०० मिलियन से अधिक वोट दिए गए।

मल्टी वोट नही रोका गया, अतः चुनाव को " निश्चित अवैज्ञानिक माना जाता है "John Zogby , वॉशिंगटन स्थित पोलिंग संगठन के वर्तमान सी ई ओ / अध्यक्ष, Zogby International  के अनुसार नए ७ इंटरनेशनल आश्चर्य फाउंडेशन ने सबसे लंबा वोटिंग के रिकॉर्ड को कायम किया .2001 में स्थापित, ७ नई आश्चर्य फाउंडेशन (The New7Wonders Foundation) ने पूंजी प्राप्त करने के लिए निजी दान, व्यापारिक वस्तुओं कि बिक्री जैसे शर्ट व कप और प्रसारण द्वारा प्राप्त राजस्व पर भरोसा किया। फ़िर भी, अंतिम घोषणा के बाद, नई ७ आश्चर्य फाउंडेशन ने कहा कि वे इस अभियान से कुछ भी नहीं कमाया है वरन बमुश्किल से उसके अपने निवेश ही प्राप्त कर पाए है .
इस वोटिंग प्रक्रिया में विजेता रहे नये अजूबो की सूची निम्न है :-
  1. ताजमहल
  2. चीचेन इट्ज़ा
  3. क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा
  4. कोलोसियम
  5. चीन की विशाल दीवार
  6. माचू पिच्चू
  7. पेत्रा
7 wonder on world map 
1- गिजा के महान पिरामिड Great Pyramid of Giza  from
 काहिरा (Cairo), मिस्र (2560 BC) :-  
(also known as the Pyramid of Khufu or the Pyramid of Cheopsयह पिरामिड 146.5 metres (481 feet) ऊंचा है। ४३ सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा। १९वीं सदी में ही इसकी ऊंचाई का कीर्तिमान टूटा। इसका आधार १३ एकड़ में फैला है जो करीब १६ फुटबॉल मैदानों जितना है। यह २५ लाख चूनापत्थरों के खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन २ से ३० टनों के बीच है। ग्रेट पिरामिड को इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि वर्तमान तकनीक ऐसी कृति को दोहरा नहीं सकती। कुछ साल पहले तक (लेसर किरणोंसे माप-जोख का उपकरण ईजाद होने तक) वैज्ञानिक इसकी सूक्ष्म सममिति (सिमट्रीज) का पता नहीं लगा पाये थे, प्रतिरूप बनाने की तो बात ही दूर! प्रमाण बताते हैं कि इसका निर्माण करीब 2560 वर्ष ईसा पूर्व मिस्र के शासक खुफु के चौथे वंश द्वारा अपनी कब्र के तौर पर कराया गया था। इसे बनाने में करीब 23 साल लगे। 



2-चीन की महान दीवार Great Wall of China from चीन (700 BC) :- 
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दीईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार 6400 किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है।इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित 8,851.8 किमी (5,500.3 मील) तक फैली है।अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे।यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।




यह पेज काफी बड़ा हो गया है लोड होने में ज्यादा टाइम न ले इसलिये मैने इस 2 पार्ट में लिखने का सोचा है ..
आप अगला पार्ट इस लिंक से जा कर पढ़े ...
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