और वह अपने आप में सोचने लगा कि काश वह भी इस हंस की तरह एकदम दूध की तरह सफेद होता है और लोग उस से भी प्यार करते यह सोचते सोचते वह हंस के पास पहुंचा और हंस के कहने लगा तुम्हारी जिंदगी तो कितनी अच्छी है तुम कितने सुंदर हो पूरी तरह से दूध की तरह सफेद तब हंस बोला नहीं दोस्त मैं भी इतना सुंदर नहीं मैं पहले यही सोचता था जब तक मैंने तोते को नहीं मिला था लेकिन तोता तो मुझसे भी ज्यादा अच्छा होता है वह दो रंग का होता है तो कौवे ने पूछा क्या सच में वह इतना सुन्दर होता है यह जानने के लिए वह तोते की खोजने निकल पड़ा कुछ दूर पर उसे कुछ तोते दाना चुगते हुए मिल गए कौए ने उनमे से एक से कहा की सच में भगवान ने तुम्हे कितना सुन्दर बनाया है पर इस पर तोता बोल उठा नहीं यह सच नहीं है काश मुझे भगवान् इतना सुन्दर बनाते मुझ से ज्यादा सुन्दर तो मोर है वह कई रंगों का राजा है , तब कौवे ने कहा और मै यदि मोर से मिलना चाहू तो उससे कन्हा मिल सकता हु तब तोते ने कहा अरे भाई उसकी तो चांदी है यंही बगल वाले चिड़िया घर में रहता है .. मन मर्जी खाने को मिलता है लोग की तो भीड़ लगती है उसे देखने के लिए वंही वो तुम्हे मिलेगा .. कौवा मोर से मिलने उड़ा और मन में ईस्वर (गॉड) को कोसने लगा की भगवन आप ने इस दुनिया को कितना सुन्दर बनाया है
आखिर मुझ से क्या गलती हो गई थी जो मुझे तूने एशा बनाया ......तभी वह मोर के पास पहुच जाता है और अपनी आँखों से देखता है की बहुत से लोग उसे देखने आ रहे है और उसे दाना डाल रहे है . कौवा मोर से जाकर कहता है यार तुम्हारी ज़िदगी तो बहुत ही बढ़िया है जरुर तुमने पिछले जन्म में बहुत अच्छे कार्य किये होंगे जो तुम इस जन्म में मोर बने हो ....तब मोर उसे सुनता रहा और बात ख़त्म होते होते उसकी आँखों में आंसू आ गए वह बोला नहीं बल्की मै तो यह सोचता हु की आखिर मैने कौन से दुस्पाप किये होंगे जो मुझे भगवन ने इतना सुन्दर बनाया अब यह सुन्दरता ही मेरी आजादी की बाधा बन रही है मुझे यह भोजन यह सुन्दरता कुच्छ भी नहीं चाहिए बस आजादी चाहिये ..मैने पता किया है की इस चिड़ियाघर में केवल कौवे को छोंड़ का बाकि सब चिडियों को पिंजड़ो में कैद कर रखा गया है कास भगवान् ने मुझे तुम जैशा बनाया होता , बस इतना कहना था की कौवा से उड़ गया और भगवान से अपने कहे शब्दों के लिए माफ़ी मांगने लगा और धन्यवाद भी दिया उसकी आंखे खोलने के लिए .
निष्कर्स - "यही हमारी सब मुसीबतों की जड़ है की हम अकारण ही लोगो से अपनी तुलना करके स्वयं दुखी होते है , हमे जो भगवान ने दिया है हम उसे नहीं देखते बल्कि हमारे पास जो नहीं है हम उसके बारे में सोच के दुखी होते है ..जो इंसान यह सोच कर जिंदगी जिए की भगवान् ने उसे बहुत कुछ दिया है क्योकि किसी के पास तो यह भी नहीं है वाही इस दुनिया का सबसे सुखी इंसान होगा ..किसी चीज को पाने की चाहत रखना और उसे पाना बुरा नहीं है बल्कि जो नहीं है उसे प्रति दुखी होना बुरा है "
इसे अपने दोस्तों में भी ज्यादा से ज्यादा शेएर करे क्या पता जो ज्ञान अभी पा रहे हो उसका 1 प्रतिसत हिशा भी किसी के पास न हो !
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