शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

कार्तिक पूर्णिमा के महत्व और उपाय लक्ष्मी होगी प्रसन्न!

उपाय:-
  • पूर्णिमा मां लक्ष्मी को अत्यन्त प्रिय है। इस दिन मॉ लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में खुशियों की कमी नहीं रहती है। 
  • पूर्णिमा को प्रातः 5 बजे से 10: 30 मिनट तक मॉ लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है।
  • इस दिन जो भी जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। कार्तिक पूर्णिमा के गरीबों को चावल दान करने से चन्द्र ग्रह शुभ फल देता है।
  • इस शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिलकार चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। 
  • कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण अवश्य बॉधे। 
  • वैवाहिक व्यक्ति पूर्णिमा के दिन भूलकर भी अपनी पत्नी या अन्य किसी से शारीरिक सम्बन्ध न बनायें वरना चन्द्रमा के दुष्प्रभाव आपको व्यथित करेंगे। 
  • आज के दिन चन्द्रमा के उदय होने के पश्चात खीर में मिश्री व गंगा जल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व:- 


  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत, स्नान-दान करने से असीम पुण्य मिलता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा का खास महत्व है। 
  • यह त्रिपुरी पूर्णिमा व गंगा स्नान नाम से प्रचलित है। क्योंकि आज के दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस दिन भगवना शंकर के दर्शन मात्र से ही पूण्य मिलता है।
  • पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में धर्म, वेदों की रक्षा के लिए एंव सृष्टि की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। 
  • अषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार मास के लिए योगनिद्रा में लीन होकर कार्तिक एकादशी को पुनः उठते है और पूर्णिमा से संसार के पालन का कार्य करने लगते है। 
  • इसी दिन लक्ष्मी की अंशरूपा तुलसी का विवाह शालिग्राम से हुआ था।

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